Monday, 18 September 2023

आज का पंचांग!!!! जय माता दी जी !!!!🔔 🙏🙏🙏🙏🙏🙏⛳⛳ शुभ दिन जी ⛳⛳माँ चिंतपुरणी जी के प्राकृतिक पिण्डी स्वरूप के आज *18-09-2023* के प्रात: काल श्रृंगार के अलौकिक दर्शनछिन्नमस्तके अम्बिके,तेरी कीर्ति अपार।नमन तुम्हें शतबार,कर सभी का उद्धार।।ऐसी #भक्तवत्सल #भक्तों की #सभी #चिंताओं को #हरने वाली #माँ #छिन्नमस्तिका #चिंतपूर्णी माँ की #कृपा #सब #जनों पर #बनी रहे..💞⛳🌺🌻👏💐🌸🍒

आज का पंचांग
!!!! जय माता दी जी !!!!🔔
  🙏🙏🙏🙏🙏🙏
⛳⛳ शुभ दिन जी ⛳⛳
माँ चिंतपुरणी जी के प्राकृतिक पिण्डी स्वरूप के आज *18-09-2023* के प्रात: काल श्रृंगार के अलौकिक दर्शन

छिन्नमस्तके अम्बिके,तेरी कीर्ति अपार।
नमन तुम्हें शतबार,कर सभी का उद्धार।।

ऐसी #भक्तवत्सल #भक्तों की #सभी #चिंताओं को #हरने वाली #माँ #छिन्नमस्तिका #चिंतपूर्णी माँ की #कृपा #सब #जनों पर #बनी रहे..
💞⛳🌺🌻👏💐🌸🍒

Sunday, 17 September 2023

aaj ka panchang

🔔!!!! जय माता दी !!!!🔔
  🙏🙏🙏🙏🙏🙏
⛳⛳ शुभ संध्या जी ⛳⛳
माँ चिन्तपूर्णी जी के प्राकृतिक पिण्डी स्वरूप के आज दिनांक *16-9-2023* के संध्याकाल श्रृंगार के आलौकिक दर्शन,जिला ऊना, {हिमाचल प्रदेश}

Saturday, 16 September 2023

आज का पंचांग

आज का पंचांग
🔔!!!! जय माता दी !!!!🔔
⛳⛳ शुभ दिन जी ⛳⛳
माँ चिन्तपूर्णी जी के प्राकृतिक पिण्डी स्वरूप के आज दिनांक *16-9-2023* के प्रातःकाल श्रृंगार के आलौकिक दर्शन जिला ऊना,{हिमाचल प्रदेश}

Friday, 15 September 2023

आज का पंचांग

आज का पंचांग
🔔!!!! जय माता दी !!!!🔔
⛳⛳ शुभ दिन जी ⛳⛳
माँ चिन्तपूर्णी जी के प्राकृतिक पिण्डी स्वरूप के आज दिनांक *15-9-2023* के प्रातःकाल श्रृंगार के आलौकिक दर्शन जिला ऊना,{हिमाचल प्रदेश}

Wednesday, 13 September 2023

आज का पंचांग🔔!!!! जय माता दी !!!!🔔⛳⛳ शुभ दिन जी ⛳⛳माँ चिन्तपूर्णी जी के प्राकृतिक पिण्डी स्वरूप के आज दिनांक *13-9-2023* के प्रातःकाल श्रृंगार के आलौकिक दर्शन जिला ऊना,{हिमाचल प्रदेश}

आज का पंचांग
🔔!!!! जय माता दी  !!!!🔔
⛳⛳ शुभ दिन जी ⛳⛳
माँ चिन्तपूर्णी जी के प्राकृतिक पिण्डी स्वरूप के आज दिनांक *13-9-2023* के प्रातःकाल श्रृंगार के आलौकिक दर्शन जिला ऊना,{हिमाचल प्रदेश}

Tuesday, 12 September 2023

मंगल प्रदोष (मंगलवार त्रयोदशी) व्रत

मंगल प्रदोष (मंगलवार त्रयोदशी) व्रत

Video Link - https://youtu.be/kCA5UQr-iro

सूत जी बोले-अब मैं मंगल 
त्रयोदशी प्रदोष व्रत का 
विधि विधान कहता हूँ। 
मंगलवार का दिन व्याधियों
 का नाशक है। इस व्रत में 
एक समय व्रती को गेहूँ और
 गुड़ का भोजन करना चाहिये।
देव प्रतिमा पर लाल रंग का
 फूल चढ़ाना और स्वयं लाल 
वस्त्र धारण करना चाहिये। 
इस व्रत के करने से मनुष्य 
सभी पापों व रोगों से मुक्त
 हो जाता है, इसमें किसी
 प्रकार का संशय नहीं है। 
अब मैं आपको उस बुढ़िया 
की कथा सुनाता हूँ जिसने
यह व्रत किया व मोक्ष को 
         प्राप्त हुई।

अत्यन्त प्राचीन काल की
 घटना है। एक नगर में एक
 बुढ़िया रहती थी। उसके
 मंगलिया नाम का एक 
पुत्र था। वृद्धा की हनुमान जी
 पर बड़ी श्रद्धा थी। वह 
प्रत्येक मंगलवार को हनुमान
 जी का व्रत रखकर यथाविधि
 उनको भोग लगाती थी। 
इसके अलावा मंगलवार 
को न तो घर लीपती थी 
और न ही मिट्टी खोदती थी।
इसी प्रकार से व्रत रखते हुए
 जब उसे काफी दिन बीत 
गए तो हनुमान जी ने सोचा
 कि चलो आज इस वृद्धा 
की श्रद्धा की परीक्षा करें। 
वे साधु का वेष बनाकर 
उसके द्वार पर जा पहुँचे 
और पुकारा "है कोई हनुमान
का भक्त, जो हमारी इच्छा 
पूरी करे।" वृद्धा ने यह पुकार
सुनी तो बाहर आई और 
पूछा कि महाराज क्या 
आज्ञा है? साधु वेषधारी 
हनुमान जी बोले कि 'मैं 
बहुत भूखा हूँ, भोजन 
करूँगा। तू थोड़ी सी जमीन
 लीप दे।' वृद्धा बड़ी दुविधा
 में पड़ गई। अन्त में हाथ 
जोड़कर प्रार्थना की-हे 
महाराज ! लीपने और 
मिट्टी खोदने के अतिरिक्त 
जो काम कहें, वह मैं करने 
       को तैयार हूँ।

साधु ने तीन बार परीक्षा
कराने के बाद कहा- 
"तू अपने बेटे को बुला 
मैं उसे औंधा लिटाकर,
उसकी पीठ पर आग
जलाकर भोजन बनाऊँगा।"
वृद्धा ने सुना तो पैरों तले
धरती खिसक गई, मगर
वह वचन हार चुकी थी।
उसने मंगलिया को पुकार
कर साधु महाराज के
हवाले कर दिया। मगर
साधु ऐसे ही मानने वाले
न थे। उन्होंने वृद्धा के
हाथों से ही मंगलिया को
ओंधा लिटाकर उसकी
पीठ पर आग जलवाई।
आग जलाकर, दुःखी 
मन से वृद्धा अपने घर के
अन्दर जा घुसी। साधु
जब भोजन बना चुका तो
उसने वृद्धा को बुला कर
कहा कि वह मंगलिया को
पुकारे ताकि वह भी आकर
भोग लगा ले। वृद्धा आँखो
में आँसू भरकर कहने लगी
कि अब उसका नाम लेकर
मेरे हृदय को और न
दुखाओ, लेकिन साधु
महाराज न माने तो वृद्धा
को भोजन के लिए मंगलिया
को पुकारना पड़ा। पुकारने
की देर थी कि मंगलिया
बाहर से हँसता हुआ घर
में दौड़ा आया। मंगलिया
को जीता जागता देखकर
वृद्धा को सुखद आश्चर्य
हुआ। वह साधु महाराज
के चरणों में गिर पड़ी।
साधु महाराज ने उसे
अपने असली रूप के 
दर्शन दिए। हनुमान जी
को अपने आँगन में
देखकर वृद्धा को लगा
कि जीवन सफल हो गया।

आज का पंचांग