दिसम्बर महीने में व्यापारिक वस्तुएं और शेयर बाजार का हाल
2 दिसम्बर को सूर्य ज्येष्ठा में आने से गर्म वस्त्र, सोना, चांदी चावल, गेहूँ, जौं, चना, अलसी, सरसों, एरण्ड, हींग, गुग्गुल, खाण्ड, गुड़ में तेजी बनेगी।
3 दिसम्बर को धनु राशि का बुध वक्री होने से सूखा मेवा, फल, घी, गुड़, खाण्ड, शक्कर में अच्छी तेजी बनेगी। जौं, चना, गेहूँ में घटाबढ़ी में मध्य मंदी बन सकती है। शेयर्ज़ तेज रहेंगे।
5 दिसंबर को शनि पश्चिम में अस्त होने से रुई, शेयरों, सोने में घटाबढ़ी के बाद कुछ मंदी बनेगी । अनाज आदि तेज रहेंगे।
7 दिसंबर को वक्री बुध पश्चिम में अस्त होने से चांदी, घी में अच्छी तेजी बनेगी। रुई शेयर बाजार कपास बैंकिंग शेयर्स में कुछ मंदी बनेगी।
9 दिसंबर को शुक्र जेष्ठा में आने से चना, मक्की चावल आदि अनाज कुछ तेज होंगे, जबकि सोना, चांदी, चावल, सरसों, तेल, तिल, हींग में कुछ मंदी बनेगी।
10 दिसंबर को मंगल स्वाति नक्षत्र में आएगा तथा वक्री बुध जेष्ठा नक्षत्र वृश्चिक राशि में आकर सूर्य और शुक्र के साथ मेल करेगा। जिससे घी, तेल, सरसों, रुई, चांदी, गुड, तेल में तेजी बनेगी। सोने में घटाबढ़ी के बाद तेजी बनेगी।
15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में शनि के साथ एक राशि और एक नक्षत्र सबंध बनाएगा। जिससे रुई, कपास, सूत, तिल, तेल सोना चांदी, क्रूड - ऑइल, कोयला, लोहा, चमड़ा, पेट्रोल, सरसों, सोयाबीन में अच्छी तेजी का झटका लगेगा। इसी दिन शुक्र पूर्व में अस्त होने से शीघ्र ही इन वस्तुओं में मंदी का वातावरण बन सकता है। और गुड़, बिनौला, मूंगफली में मंदी बनेगी।
16 दिसंबर को विशाखा नक्षत्र में आकर गुरु भी रुई, घी, हल्दी चाँदी में मंदीकारक हो सकता है।
18 दिसंबर को वक्री बुध पूर्व में उदय होगा। जिससे घी, अनाज, शेयरों, चांदी, चना, कपास, खल बिनोला, रुई, सोने में घटाबढ़ी के बाद तेजी बनेगी। रुई में पहले मंदी बनकर झटके के साथ तेजी बनेगी।
20 दिसंबर को शुक्र मूल नक्षत्र और धनु राशि में आकर सूर्य और शनि के साथ एक राशि और एक नक्षत्र सबंध बनाएगा । जिससे गेहूं, जो, चना आदि अन्न, सोना, चांदी, तांबा आदि धातुओं, क्रूड - आयल, तेल, दूध, खंड और शेयरों में जोरदार तेजी का उछाल आएगा। रुई, कपास आदि में पहले मंदी बनकर तेजी बनेगी।
21 दिसंबर को केतु श्रवण में आकर भी गेहूं, अलसी, क्रूड आयल, फलों, दूध, लोहे में तेजी बनेगी।
23 दिसंबर को वृश्चिक राशिगत बुध मार्गी होने से एरण्ड, बिनौला, गेहूं, जो, चना, सोने में अच्छी तेजी बनेगी। जबकि रूई, चांदी, तेल, कपूर आदि में पहले मंदी बनकर बाद में उतनी ही तेजी बन जाएगी।
26 दिसंबर को शनि मूल नक्षत्र (3) में आने से क्रूड, सरसों, चांदी, रुई, लोहे में तेजी बनेगी, जबकि खाद्य पदार्थों सब्जियों में कुछ मंदी बनेगी।
28 दिसंबर को सूर्य पूर्वाषाढा में आने से तिल, तेल, सरसों, बिनौला, गुड़, खंड, हल्दी, चमड़ा, गुग्गुल, ऊनी वस्त्र, चांदी में तेजी बनेगी।
31 दिसंबर को मंगल विशाखा में आकर गुरु के साथ तथा शुक्र पूर्वाषाढा में आकर सूर्य के साथ एक नक्षत्र संबंध बनाएगा । जिससे रुई, कपास, गेहूँ, सोना, चाँदी, कापर, सरसों, सोयाबीन, चने में अच्छी तेजी बनेगी, जबकि उड़द, मूंग, मोठ, तिल आदि में अच्छी घटाबढ़ी के बाद साधारण तेजी बनेगी।
Also Watch in Video - https://youtu.be/h2_YSH4gz80
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2 दिसम्बर को सूर्य ज्येष्ठा में आने से गर्म वस्त्र, सोना, चांदी चावल, गेहूँ, जौं, चना, अलसी, सरसों, एरण्ड, हींग, गुग्गुल, खाण्ड, गुड़ में तेजी बनेगी।
3 दिसम्बर को धनु राशि का बुध वक्री होने से सूखा मेवा, फल, घी, गुड़, खाण्ड, शक्कर में अच्छी तेजी बनेगी। जौं, चना, गेहूँ में घटाबढ़ी में मध्य मंदी बन सकती है। शेयर्ज़ तेज रहेंगे।
5 दिसंबर को शनि पश्चिम में अस्त होने से रुई, शेयरों, सोने में घटाबढ़ी के बाद कुछ मंदी बनेगी । अनाज आदि तेज रहेंगे।
7 दिसंबर को वक्री बुध पश्चिम में अस्त होने से चांदी, घी में अच्छी तेजी बनेगी। रुई शेयर बाजार कपास बैंकिंग शेयर्स में कुछ मंदी बनेगी।
9 दिसंबर को शुक्र जेष्ठा में आने से चना, मक्की चावल आदि अनाज कुछ तेज होंगे, जबकि सोना, चांदी, चावल, सरसों, तेल, तिल, हींग में कुछ मंदी बनेगी।
10 दिसंबर को मंगल स्वाति नक्षत्र में आएगा तथा वक्री बुध जेष्ठा नक्षत्र वृश्चिक राशि में आकर सूर्य और शुक्र के साथ मेल करेगा। जिससे घी, तेल, सरसों, रुई, चांदी, गुड, तेल में तेजी बनेगी। सोने में घटाबढ़ी के बाद तेजी बनेगी।
15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में शनि के साथ एक राशि और एक नक्षत्र सबंध बनाएगा। जिससे रुई, कपास, सूत, तिल, तेल सोना चांदी, क्रूड - ऑइल, कोयला, लोहा, चमड़ा, पेट्रोल, सरसों, सोयाबीन में अच्छी तेजी का झटका लगेगा। इसी दिन शुक्र पूर्व में अस्त होने से शीघ्र ही इन वस्तुओं में मंदी का वातावरण बन सकता है। और गुड़, बिनौला, मूंगफली में मंदी बनेगी।
16 दिसंबर को विशाखा नक्षत्र में आकर गुरु भी रुई, घी, हल्दी चाँदी में मंदीकारक हो सकता है।
18 दिसंबर को वक्री बुध पूर्व में उदय होगा। जिससे घी, अनाज, शेयरों, चांदी, चना, कपास, खल बिनोला, रुई, सोने में घटाबढ़ी के बाद तेजी बनेगी। रुई में पहले मंदी बनकर झटके के साथ तेजी बनेगी।
20 दिसंबर को शुक्र मूल नक्षत्र और धनु राशि में आकर सूर्य और शनि के साथ एक राशि और एक नक्षत्र सबंध बनाएगा । जिससे गेहूं, जो, चना आदि अन्न, सोना, चांदी, तांबा आदि धातुओं, क्रूड - आयल, तेल, दूध, खंड और शेयरों में जोरदार तेजी का उछाल आएगा। रुई, कपास आदि में पहले मंदी बनकर तेजी बनेगी।
21 दिसंबर को केतु श्रवण में आकर भी गेहूं, अलसी, क्रूड आयल, फलों, दूध, लोहे में तेजी बनेगी।
23 दिसंबर को वृश्चिक राशिगत बुध मार्गी होने से एरण्ड, बिनौला, गेहूं, जो, चना, सोने में अच्छी तेजी बनेगी। जबकि रूई, चांदी, तेल, कपूर आदि में पहले मंदी बनकर बाद में उतनी ही तेजी बन जाएगी।
26 दिसंबर को शनि मूल नक्षत्र (3) में आने से क्रूड, सरसों, चांदी, रुई, लोहे में तेजी बनेगी, जबकि खाद्य पदार्थों सब्जियों में कुछ मंदी बनेगी।
28 दिसंबर को सूर्य पूर्वाषाढा में आने से तिल, तेल, सरसों, बिनौला, गुड़, खंड, हल्दी, चमड़ा, गुग्गुल, ऊनी वस्त्र, चांदी में तेजी बनेगी।
31 दिसंबर को मंगल विशाखा में आकर गुरु के साथ तथा शुक्र पूर्वाषाढा में आकर सूर्य के साथ एक नक्षत्र संबंध बनाएगा । जिससे रुई, कपास, गेहूँ, सोना, चाँदी, कापर, सरसों, सोयाबीन, चने में अच्छी तेजी बनेगी, जबकि उड़द, मूंग, मोठ, तिल आदि में अच्छी घटाबढ़ी के बाद साधारण तेजी बनेगी।
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