Thursday, 14 June 2018

द्वितीया (शुद्ध) ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष 14 जून से 28 जून तक।

द्वितीया (शुद्ध) ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष 14 जून से 28 जून तक।
सूर्य उत्तरायण-दक्षिणायन, उत्तर गोल, ग्रीष्म-वर्षा ऋतु:।

14 जून को करवीर व्रत (सूर्य पूजा) और भावुका करिदिन है।
15 जून को सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेगा जिससे आषाढ़ सक्रांति 15 जून को होगी। जिसका पुण्यकाल सारा दिन रहेगा।
16 जून को रंभा तृतिया व्रत है, महाराणा प्रताप जी की जयंती है, शव्वाल मुस्लिम मास इस दिन शुरू होगा और इस दिन पार्वती पूजन इस दिन करना चाहिए। विस्तार से बात करे तो इस पक्ष की तृतीया (16 जून) को रम्भा-तृतीया का व्रत विधिपूर्वक रखने से स्त्रियों को विवाह, सन्तति एवं सौभाग्यादि सुखों की प्राप्ति होती है। इसमें गौरी माता की पुष्प, नैवेद्य आदि से पूजन करके निम्न मन्त्र से प्रार्थना
करनी चाहिए-

देवि !त्वं शक्तिस्त्वं स्वधा स्वाहा, त्वं सावित्री सरस्वती।
पतिं देहि गृहं देहि सुतान् देहि नमोऽस्तु ते।'

माता पार्वती का जन्म भी इसी तिथि को हुआ था। शुक्लाष्टमी के दिन जम्मू-कश्मीर में भगवती दुर्गा माता के मन्दिरों में क्षीर, मेवे आदि सहित भोग लगाकर क्षीर-भवानी का उत्सव मनाया जाता है।
यद्यपि श्रीगंगा-दशहरा ( हरिद्वार) का मुख्य पर्व अधिक ज्येष्ठ शु. दशमी (24 मई) को ही मनाया जाएगा।
17 जून चतुर्थी को उमा-अवतार हुआ था।
18 जून को अरण्य षष्ठी है क्योंकि षष्ठी सुबह 8:55 पर लग जायेगी।
19 जून षष्ठी को विंध्यवासिनी पूजा करनी चाहिए।
इस पक्ष में सप्तमी तिथि का क्षय है।
20 जून को श्रीदुर्गाष्टमी है, धूमावती जयंती है और मेला क्षीर-भवानी (कश्मीर) में मनाया जाएगा।
21 जून को सूर्य सायन दक्षिणायन शुरू होगा और वर्षा ऋतु भी शुरू हो जाएगी।
22 जून को शक आषाढ़ मास शुरू हो जाएगा और प्रासंगिक रूप से दशमी तिथि 22 जून, शुक्रवार के दिन श्रीगंगा जी के तट (हरिद्वार) तीर्थों पर स्नान, दान-जयादि का माहात्म्य रहेगा।
निर्जला एकादशी (23 जून) को संकल्पपूर्वक निराहार व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजन के उपरांत द्वादशी को ब्राह्मणों को यथाशक्ति अन, वस्त्र, फल, जलपात्र, पंखा आदि दक्षिणा सहित दान करने का विशेष माहात्म्य होता है।
24 जून को चम्पक द्वादशी है।
25 जून को सोम प्रदोष व्रत है, वट सावित्री के व्रत इस दिन शुरू हो जायेंगे।
27 जून को वटसावित्री व्रत है, इस दिन ज्येष्ठी योग होगा और श्रीसत्यनारायण व्रत रखने के लिए उत्तम दिन है।
28 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा है और इस दिन संत कबीर जी की 620वीं जयंती है।

आषाढ़ संक्रान्ति - ता. 15 जून को प्रात: 11 बजकर 36 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेगी।(15) मुहर्ति इस सं. का पुण्यकाल सायंकाल तक रहेगा। वारानुसार मिश्रा तथा नक्षत्रानुसार महोदरी नामक यह सं. चोर, बेईमान तथा पशुओं के लिए सुखकर रहेगी।

लोक भविष्य - सूर्य मिथुन में आने से सूर्य-शनि के मध्य समसप्तक दृष्टि सम्बन्ध बनेगा। ध्यान रहे, सूर्य-शनि राजा-मन्त्री भी हैं। फलस्वरूप देश में विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर पश्चिमोत्तर राज्यों में राजनीतिक टकराव, उपद्रव, साम्प्रदायिक तनाव, विस्फोटक व हिंसक घटनाएं घटित होंगी। राजनीतिक अस्थिरता, उथल-पुथल, विरोध, आरोप-प्रत्यारोप भरा वातावरण रहेगा।
"नोत्पात परित्यक्तः चन्द्रजो ब्रजत्युदयम्।"
सूर्य-शनि का समसप्तक शासनतन्त्र एवं जनता के लिए परेशानीकारक है। बुध का उदय पश्चिम में होने से उत्पात से हानि होगी। प्राकृतिक उत्पात, कहीं अत्यधिक वर्षा, कहीं सूखा, कहीं तूफान व भूकम्प एवं यान-दुर्घटना आदि से जन-धनहानि होगी। पाक, बंगलादेश, चीन आदि
की गतिविधियां सीमाप्रान्तों पर चिन्तनीय रहेगी। किसी राष्ट्र में सत्ता-हस्तान्तरण का योग है।

बाज़ार का रुख - १५ से १७ जून के लगभग तेल
तिलहन, गुड़, शक्कर, घी, रुई, दालवाना एवं सभी अनाजों, सोना, चांदी तेज रहें। १८ से २७ जून तक सोना, चांदी एवं सभी व्यापारिक वस्तुओं में उठा-पटक के साथ बाजार मन्दे रहें। २८ जून से पक्षान्त तक सोना, चांदी, लोहा, तांबा, तेल, तिलहन, दालवाना सब तेज रहेंगे।

राशिफल - यह सं. मेष, वृष, सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुम्भ व मीन राशि वालों के लिए मंगलकारक होगी। और मिथुन, कर्क, तुला, धनु, मकर राशि वालो के अशुभ प्रभाव होंगे। ता, 25 जून को बुथ भी कर्क राशि में आकर शुक्र-राहु के साथ मेल करेगा। दुर्भिक्ष (अकाल) उपभोग्य वस्तओं में विशेष तेजी के योग बनेंगे। -
'ततोऽतिदुखानि सुभिक्षंस्वल्पकारकम्।'
अर्थात और ऐसे बहुत से दुखों का बाद सुभिक्ष्य के थोड़े से आसार बनेगे।

आकाश लक्षण - १५, १६, १७, १९, २२ से २६ जून तक पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, केरल, असम में अनेकों जगहों पर वायुवेग के साथ वर्षा के योग है।

शकुन - ज्येष्ठ शुक्ल, २ को यदि आर्द्रा नक्षत्र में वर्षा हो, तो भी आगे वर्षा की कमी व दुर्भिक्ष बने।


भद्रे
17 जून 1:13AM से 17 जून 11:39AM तक।
20 जून 4:59AM से 20 जून 4:26PM तक।
23 जून 3:37PM से 24 जून 3:53AM तक।
27 जून 8:13AM से 27 जून 9:18PM तक।

पंचक
इस पक्ष में पंचक नही है।

गंडमूल
17 जून 6:20AM से 18 जून 2:47AM तक।
26 जून 7:07AM से 28 जून 12:21PM तक।

https://youtu.be/5F9mR8c2Leo


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