Wednesday, 31 January 2018

फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष 16 फरबरी से 1 मार्च तक

प्रतिपदा - 16 फरबरी - फ़ाल्गुन शुक्ल पक्ष शुरू
द्वितिया - 17 फरबरी - चन्द्रदर्शन, श्रीरामकृष्ण परमहंस जयंती
तृतीया - 18 फरबरी - बसंत ऋतु शुरू, जमादि उल्सानी (मुस्लिम) मास शुरू
चतुर्थी - 19 फरबरी - अविघ्नकर व्रत
पंचमी - 20 फरबरी - याज्ञवल्क्य जयंती, शक फाल्गुनी शुरू
षष्ठी - 21 फरबरी
सप्तमी - 22 फरबरी
अष्टमी - 23 फरबरी - होलाष्टक शुरू, अन्नपूर्णा अष्टमी, लक्ष्मी-सीता अष्टमी
नवमी - 24 फरबरी
दशमी - 25 फरबरी
एकादशी - 26 फरबरी - आमलकी एकादशी व्रत
द्वादशी - 27 फरबरी - भौम प्रदोष व्रत, गोबिंद द्वादशी
त्रयोदशी - 28 फरबरी - महेश्वर व्रत, वृषदान व्रत
चतुर्दशी - 1 मार्च - फ़ाल्गुन पूर्णिमा(सुबह 8:58) होलिका दहन (भद्रा - शाम 7:40 के बाद) होलाष्टक समाप्त, होली पर्व (पंजाब), श्रीचैतन्य महाप्रभु जयंती, श्रीसत्यनारायण व्रत, लक्ष्मीनारायण व्रत
पूर्णिमा - तिथि का क्षय है। - पूर्णिमा तिथि के व्रत और त्योहार चतुर्दशी तिथि को ही होंगे।

                               पंचक
15 फरबरी 8:40PM से | 20 फरबरी 2:03PM तक |

                             गण्डमूल
19 फरबरी 1:38PM से | 21 फरबरी 2:01PM तक |
28 फरबरी 3:52AM से | 1 मार्च 11:47PM तक |

                              भद्रे
19 फरबरी 5:16PM से | 20 फरबरी 6:15AM तक |
23 फरबरी 2:29AM से | 23 फरबरी 1:37PM तक |
26 फरबरी 6:60AM से | 26 फरबरी 5:29PM तक |

17 फरबरी द्वितीया को श्रीराम कृष्ण परमहंस जी की जयंती है।
18 फरबरी तृतीया को बसंत ऋतु शुरू हो जाएगी और मुस्लिम मास जमादि - उल्सानी भी शुरू हो जाएगा।
19 फरबरी चतुर्थी को भगवान गणेश जी का व्रत अविघ्नकर है।
20 फरबरी पंचमी को याज्ञवल्क जी की जयंती है, शक फाल्गुन मास भी इसी दिन शुरू हो जाएगा।
23 फरबरी अष्टमी को होलाष्टक शुरू हो जाएंगे, इसदिन अन्नपूर्णा अष्टमी और लक्ष्मी सीता अष्टमी है।
23 फरबरी से 1 मार्च तक होलाष्टक होंगे, इन दिनों परम्परा के अनुसार पंजाब, दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा आदि कुछ प्रदेशों में शुभ मंगल कार्यो का आरंभ वर्जित माना जाता है, जबकि अन्य प्रदेशों में विशेष विचार नही किया जाता।
आमलकी एकादशी 26 फरबरी के दिन आँवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की स्तुति, स्तोत्र पाठ और आंवले की टहनी को कलश में स्थापित कारके पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद आंवलो सहित भोजन का दान कर सेवन करना उत्तम होता है।
27 फरबरी द्वादशी को भौम प्रदोष व्रत है और गोविंद द्वादशी भी है।
28 फरबरी त्रयोदशी को भगवान शिव का महेश्वर व्रत है और वृषदान व्रत है।
पूर्णिमा तिथि का क्षय होने के कारण 1 मार्च चतुर्दशी तिथि को फाल्गुन पूर्णिमा के सभी पर्व मनाए जाएंगे इस दिन फाल्गुन पूर्णिमा सुबह 8:58 के बाद मानी जायेगी, इसदिन श्री सत्यनारायण व्रत करना शुभ होगा और लक्ष्मीनारायण का व्रत 1 मार्च को ही है।
1 मार्च फाल्गुन पूर्णिमा को पंजाब, जम्मू, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में होलिका दहन से पहले ही उदय व्यापिनी पूर्णिमा में होली पर्व मनाया जाएगा, जबकि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यो में होलिका दहन के बाद ही अगले दिन 2 मार्च, शुक्रवार को होली पर्व श्रद्धा और उत्साहपूर्वक पूरे देश में मनाया जाएगा। 1 मार्च को होलिका दहन शाम 7:40 के बाद भद्रा समाप्त होने के बाद प्रदोष काल मे होलिका दहन करना चाहिए। इसी दिन परमभक्त श्रीचैतन्य महाप्रभु जी की जयंती भी मनाई जाती है।
लोक भविष्य -
यत्र मासे पंचवाराः जायन्ते च बृहस्पतेः।
विग्रहः पश्चिमे देशे खड्गयुद्धं च जायते।।
फाल्गुन मास में 5 गुरुवार होने से देश के पश्चिम में अथवा पश्चिमी देशों में उपद्रव, बाढ़, हिंसा आदि घटनाएं होंगी। कुछ प्रदेशों में दुर्भिक्ष अर्थात अकाल पड़ने का भी भय रहेगा।
उपयोग की वस्तुयों में आशा के अनुरूप वृद्धि के विरोध में कुछ स्थानों पर उपद्रव, तोड-फ़ोड़, अग्निकांड और हिंसा की घटनायें होने के योग है। पश्चिम देशो में भी कही युद्ध और फौजी टकराव होने के आसार बनेंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल में परिवर्तन के संकेत भी है। सूर्य-शनि के मध्य दृष्टि संबंध होने से राजनैतिक वातावरण अशांत और तनावपूर्ण रहेगा। लोगो मे रोग-शोक आदि दुखो में बढ़ोतरी होगी।
आकाश लक्षण - पक्ष के पहले दिनों में उतरी भारत मे खंड वर्षा और कही बूंद-बांदी होगी।
शकुन - फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में अगर वर्षा हो, तो आने वाली फसल सुभिक्ष (अच्छी) होने के संकेत है।
https://youtu.be/qgO6jFVuhAM

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