Tuesday, 2 January 2018

माघ मास कृष्ण पक्ष 3 जनवरी से 17 जनवरी 2018 तक

माघ मास कृष्ण पक्ष 3 जनवरी से 17 जनवरी 2018 तक

सूर्य उत्तरायण, दक्षिण गोल, शिशिर ऋतु 
प्रतिपदा तिथि का क्षय है।
3 जनवरी - द्वितीया तिथि
4 जनवरी - तृतीया तिथि - सौभाग्य सुंदरी व्रत
5 जनवरी - चतुर्थी तिथि - श्री गणेश चतुर्थी व्रत, गौरी वक्रतुंड चतुर्थी
6 जनवरी - पंचमी तिथि 
7 जनवरी - षष्ठी तिथि - शीतला षष्ठी 
8 जनवरी - सप्तमी तिथि - स्वामी विवेकानंद जयंती ( मतान्तर)
9 जनवरी - अष्टमी तिथि
10 जनवरी - नवमी तिथि
11 जनवरी - दशमी तिथि
12 जनवरी - एकादशी तिथि - षट्तिला एकादशी व्रत
13 जनवरी - द्वादशी तिथि - तिल द्वादशी, लोहड़ी पर्व
14 जनवरी - त्रयोदशी तिथि - प्रदोष व्रत, मकर संक्रांति (माघ सक्रांति) 
15 जनवरी - चतुर्दशी तिथि - मास शिवरात्रि
16 जनवरी - अमावस्या - माघ मौनी अमावस्या, भौमवती अमावस्या, मेला हरिद्वार प्रयागराज आदि, तीर्थ स्नान महात्मय
17 जनवरी - अमावस्या - माघ अमावस्या ( स्नान दान आदि सुबह 7:47 तक

पंचक
इस पक्ष में पंचक नही है।

गंडमूल 
4 जनवरी 6:07Am से । 6 जनवरी 2:16Am तक।
13 जनवरी 10:14Am से । 15 जनवरी 4:19Pm तक।

भद्राये 
4 जनवरी 11:05Am से । 4 जनवरी 9:32Pm तक।
7 जनवरी 4:04Pm से । 8 जनवरी 3:56Am तक।
11 जनवरी 6:19Am से । 11 जनवरी 7:11Pm तक।
15 जनवरी 2:31Am से । 15 जनवरी 3:52Pm तक।

क्या करना चाहिए इस पक्ष में?

5 जनवरी - इस पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश संकष्ट चतुर्थी के व्रत का संकल्प 'गणपति प्रीतये संकष्ट चतुर्थी व्रतमाहम करिष्ये' पढ़कर व्रत करके 'ॐ गं गणपतये नमः' इस मंत्र का जप करना चाहिए और गणेश स्तोत्रों का पाठ करे। और रात को श्रीगणेश और चंद्रमा का लड्डुयो का भोग लगाकर पूजन करे और चंद्रमा उदय होने पर 'ॐ सोम सोमाय नमः' इस मंत्र द्वारा चंद्रमा को अर्घ्य देने से अनेक दैहिक और मानसिक कष्टों से निवृति होती है।

12 जनवरी - षट्तिला एकादशी का व्रत विधिपूर्वक रखकर तिल युक्त पदार्थों का हवन, दान आदि करके स्वयं भोजन करना चाहिए।

13 जनवरी - द्वादशी तिथि को सक्रांति से पहले लोहड़ी का पर्व अग्नि की पूजा के रूप में उत्तरी भारत मे मनाया जाता है। जिसमे लकड़ियों, समिधायो, रेवड़ियां, तिल सहित अग्नि जलाकर मनाया जाता है।

14 जनवरी - मकर संक्रांति को स्नान के बाद तिल से हवन, तिल युक्त वस्तुयों का दान, पंचदेव पूजन, पुरूष सूक्त, सूर्याष्टक आदि स्तोत्रों का पाठ, ब्राह्मण भोजन, धार्मिक पुस्तक आदि का दक्षिणा सहित दान करने का महात्म्य होता है। 

माघ (मकर) सक्रांति - 14 जनवरी को दोपहर 1:45 पर वृष लग्न में प्रवेश करेगी। इस सक्रांति का पुण्य काल सूर्य उदय होने के बाद सारा दिन रहेगा। राक्षसी नामक यह सक्रांति नीच दुष्ट और ठगी कार्य करने वालों के लिए लाभप्रद रहेगी। इस दिन तीर्थो पर स्नान, दान आदि का भी विशेष महात्मय होता है। अगर कोई वहां न जा सके, तो घर में ही श्रद्धापूर्वक स्नान करना चाहिए और वहीं पर उनका स्मरण करना चाहिए। 16 तारीख को माघ मौनी अमावस्या को मौन व्रत रखकर स्नान, जप, पाठ, तर्पण और यथाशक्ति दान करने का विधान है।

16-17 जनवरी - मंगलवारी अमावस्या भी होने से इस दिन गंगा आदि तीर्थ पर स्नान, जप, दान आदि करने से एक हजार गोदान का फल मिलता है ,परंतु राजनीतिक पक्ष से मंगलवारी अमावस्या का फल शुभ नहीं माना जाता। देश के राजनेताओं में विग्रह और टकराव हो सकता है, कोई नेता आदि अपनी कुर्सी छोड़ सकता है, कही छत्रभंग अर्थात सत्ता परिवर्तन हो सकती है, उपद्रव व हिंसक घटनाएं होने के योग है और वर्षा भी कम होगी। 

सक्रांति राशिफल - वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, मकर, कुंभ व मीन राशि वालों के लिए यह सक्रांति लाभप्रद/शुभ रहेगी। मेष, कर्क, वृश्चिक और धनु राशि वालों के लिए यह सक्रांति शुभ नहीं रहेगी।

वीडियो लिंक - https://youtu.be/y5500-yWQl8

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